अपनी दिल के जख्म को,
किसको दिखाऊं,
दिल के दर्द को ,
किसको सुनाऊं।
बदलते हालात को,
कैसे काबू में लाऊं,
किसको बुलाऊं।
तेरे साए में ही
जिंदगी बिताऊं ,
तेरे सामने कैसे ,
बड़ा बन जाऊं,
कैसे समझाऊं।
सुलगते आग में ,
कैसे घी डालूं।
बिखरते रिश्ते को,
कैसे बचाऊं।
जो रूठे हैं उन्हें,
कैसे मनाऊं।
रोते हुए को ,
कैसे हंसाऊं।
कैसे मैं इंसानियत भुलाऊं,
जश्न ए आजादी,
कैसे मनाऊं।